पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जीवन का एक रोचक किस्सा

लालबहादुर शास्त्री 


 


(जन्म 2 अक्टूबर 1904 मुगलसराय, मृत्यु 11 जनवरी 1966 ताशकन्द) भारत के दूसरे प्रधानमन्त्री थे। वह 9 जून 1964 से 11 जनवरी 1966 को अपनी मृत्यु तक लगभग अठारह महीने भारत के प्रधानमंत्री रहे। इस प्रमुख पद पर उनका कार्यकाल अद्वितीय रहा।


एक बार की बात है उन्होंने अपनी माँ को बताया था कि वे रेलवे में नौकरी करते हैं।"
वे एक बार रेलवे के ही किसी कार्यक्रम में आए थे। माँ को पता चला वह भी वहां पूछते हुए पहुंची – "मेरा बेटा भी रेलवे में है। वह भी आया है।"


लोगों ने पूछा क्या नाम है? उन्होंने नाम बताया तो सब चौंक गए "बोले यह झूठ बोल रही है।" उन्हें लाल बहादुर शास्त्री की ओर इशारा करके पूछा,"क्या वही है?"


मां बोली "हां वो ही मेरा बेटा है"
मंत्री जी से दिखा कर बोले "क्या यें आपकी मां है?"
तब शास्त्री जी ने अपनी मां को बुला कर अपने पास बिठाया और कुछ देर बाद घर भेज दिया।


बाद में उन्होंने पत्रकारों के जवाब  बताया कि – "मेरी मां को नहीं पता कि मैं मंत्री हूं। अगर उन्हें पता चल जाए तो वह लोगों की सिफारिश करने लगेगी और मैं मना भी नहीं कर पाऊंगा।..... और उन्हें अहंकार भी हो जाएगा।


जवाब सुनकर सब सन्न रह गए.......!!


ऐसे थे हमारे एक पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जिनकी आज जयंती है।  जय जवान जय किसान के प्रणेता को सादर वंदन।... प्रणाम



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