यहां आदमी का साया भी छोड़ देता है उसका साथ

आकर्षक सेल्फी पाइंट है रायसेन का कर्क रेखा स्थल



मण्डीदीप - भोपाल से   25 किलोमीटर दूर विदिशा मार्ग (स्टेट हाइवे 18) पर रायसेन जिले के दीवानगंज और सलामतपुर के बीच से कर्क रेखा निकलती है। जिस स्थान से कर्क रेखा निकलती उस स्थान पर राजस्थानी पत्थरों से चबूतरानुमा स्मारक बनाया गया है। जिस कर्क रेखा को हमने बचपन से भूगोल में पढ़ा और ग्लोब पर देखा है, उस स्थान पर ठहरना अपने आप में एक सुखद अनुभूति है। शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जो यहां से निकलते समय सेल्फी ने ले। पर्यटकों एवं राहगीरों के लिए यह कर्क रेखा स्थल आकर्षक सेल्फी पाइंट बन गया है।



यहां साया भी साथ छोड़ देता है -
कुछ साथ हो न हो, लेकिन आदमी का साया हमेषा उसके साथ रहाता है, यह कहावत 21 जून को कर्क रेखा क्षेत्र में निर्मूल साबित हो जाती है। क्योंकि सूर्य की किरणें यहां एकदम लंबवत पड़ती हैं। इसलिए कर्क रेखा पर स्थित क्षेत्र में परछाईं एकदम नीचे छिप जाती है या कहें कि परछाई बनती ही नही है। इस कारण इन क्षेत्रों को नो शैडो जोन कहा गया है।



कर्क रेखा उत्तरी गोलार्ध में भूमध्य रेखा‎ के समानान्तर  23°26′22″छ 0°0′0″ॅ ग्लोब पर पश्चिम से पूर्व की ओर खींची गई एक कल्पनिक रेखा हैं। यह रेखा पृथ्वी पर उन पांच प्रमुख अक्षांश रेखाओं में से एक है जो पृथ्वी के मानचित्र पर परिलक्षित होती हैं। कर्क रेखा पृथ्वी की उत्तरतम अक्षांश रेखा हैं, जिस पर सूर्य दोपहर के समय लम्बवत चमकता हैं। 21 जून को जब सूर्य इस रेखा के एकदम ऊपर होता है, उत्तरी गोलार्ध में वह दिन सबसे लंबा व रात सबसे छोटी होती है। यहां इस दिन सबसे अधिक गर्मी (स्थानीय मौसम को छोड़कर) होती है ।



भूगोल - कर्क रेखा के समानान्तर दक्षिणी गोलार्ध में भी एक रेखा होती है जिसे मकर रेखा कहते है। सूर्य की स्थिति मकर रेखा से कर्क रेखा की ओर बढ़ने को उत्तरायण एवं कर्क रेखा से मकर रेखा को वापसी को दक्षिणायन कहते हैं। इस प्रकार वर्ष 6-6 माह के में दो अयन होते हैं। कर्क रेखा को चिह्नित करता स्मारक, मातेहुआला, सैन लुइस पोटोसी, मेक्सिको तथा भारत में कर्क रेखा उज्जैन शहर से निकलती है। इस कारण ही जयपुर के महाराजा जयसिंह द्वितीय ने यहां वेधशाला बनवाई इसे जंतर-मंतर कहते हैं। यह खगोल-शास्त्र के अध्ययन के लिए है। इसी वजह से यह स्थान काल-गणना के लिए एकदम सटीक माना जाता है। यहां से अधिकतर हिन्दू पंचांग निकलते हैं।



इन देशों से होकर गुजरती है कर्क रेखा -
संयुक्त राज्य अमेरिका (हवाई-केवल सागर, कोई भी द्वीप इस रेखा पर नहीं है) यह निहोआ एवं नेकर, मैक्सिको, मजातलान, प्रशांत महासागर के उत्तर में बहामास, पश्चिमी सहारा (मोरोक्को द्वारा दावा किया गया) मुरितानिया, माली, अल्जीरिया, नाइजर, लीबिया, मिस्र, सऊदी अरब, संयुक्त अरब इमारात, ओमान, भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, चीन, मात्र गुआंगजोऊ के उत्तर से तथा ताइवान से होकर निकलती है।


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