होशंगाबाद में महुआ के पेड़ के पास बीमारी ठीक कराने हजारों की संख्या में पहुंच रहे लोग


अधिकारियों को लोगों की सुरक्षा के लिए करनी पड़ रही कड़ी मषक्कत



ये भी पढ़े ------


पेट्रोल, डीजल पम्प संचालकों को पर्याप्त स्टॉक बनाए रखने के लिए कलेक्टर ने दिए निर्देश https://timesofmandideep.page/article/petrol-deejal-pamp-sanchaalakon-ko-paryaapt-stok-banae-rakhane-ke-lie-kalektar-ne-die-nirdesh/pbWGnv.html


 


होशंगाबाद - होशंगाबाद जिले के पिपरिया के जंगल में इन दिनों महुआ का एक पेड़ कौतूहल का विषय बन गया हैं। महुआ के इस पेड़ को देवीय शक्ति मानकर लोग अपनी बीमारी ठीक कराने के लिए प्रतिदिन हजारों की संख्या में पहुंच रहे हैं। दाअसल लोगों का मानना है कि इस पेड़ को छूने मात्र से ही बड़ी से बड़ी बीमारी ठीक हो जाती हैं। बताया जा रहा है कि रविवार को यहां आने वाले लोगों की संख्या करीब एक लाख पहुंच गई। हालांकि अभी तक एक भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिला है की जो महुआ के पेड़ को छूने से ठीक हुआ हैं। पर अब यह महुआ का पेड़ प्रषासन के लिए सिरदर्द बना हुआ हैं। क्योंकि प्रतिदिन हजारों की संख्या में पहंुचने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए पुलिस को कड़ी मेहनत करनी पड़ रही हैं।



ये भी पढ़े ------


बिना अनुमति जुलूस, रैली, प्रदर्शन पर प्रतिबंध अस्त्र-शस्त्र साथ लेकर चलने पर प्रतिबंध https://timesofmandideep.page/article/bina-anumati-juloos-railee-pradarshan-par-pratibandh-astr-shastr-saath-lekar-chalane-par-pratibandh/8UI56x.html



अधिकारियों के उड़े होश -
सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हुआ कि महुआ के चमत्कारिक पेड़ के पास जनता में भगदड़ मच गई। जिसके चलते कई लोग घायल हो गए। इस खबर के वायरल होने के बाद मुख्यालय तक हल्ला मच गया। हल्ला मचते ही भोपाल से लेकर होशंगाबाद के अधिकारियों के होश उड़ गए। होशंगाबाद रेंज के आईजी सहित जिले की फोर्स को पिपरिया के कोड़ापड़रई गांव की ओर जाना पड़ा। जबकि होशंगाबाद रेंज आईजी ने रविवार को इस पेड़ के नजदीक रह कर आम जनता की सुरक्षा के चलते अपनी ड्यूटी की।




आस्था या अंधविश्वास -
अब यह महुआ का चमत्कारिक पेड़ पर आस्था है या अंधविश्वास इसे आप खुद ही समझिए। होशंगाबाद पुलिस अधीक्षक एमएल छारी ने भी रविवार को दिन भर रह कर गांव तक पहुंचने के मार्ग को खुलवाया। साथ ही लोगों को हिदायत दी कि इस तरह की कोई भी चमत्कारी चीज नहीं होती। उसके बावजूद आम जनता ने स्थानीय प्रशासन की एक नहीं मानी और आज भी यह सिलसिला जारी है.


Post a Comment

Previous Post Next Post