सर्दी-खॉसी से प्रभावित व्यक्ति से दो मीटर तक दूरी बनाकर रखें।
एल्कोहल बेस्ड सैनेटाइजर या साबुन से बार-बार धोएं हाथ
मण्डीदीप / रायसेन - नोवेल कोरोना वायरस कोविड-19 संक्रमण विश्व के 135 देशों में फेल चुका है तथा लगभग डेढ़ लाख लोग इससे प्रभावित हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोरोना वायरस रोग के फैलने की गंभीर स्थिति को देखते हुए इसे महामारी घोषित किया गया है। एम्स के डा. रणदीप गुलेरिया ने नोवेल कोरोना वायरस के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि नोवेल कोरोना वायरस से डरने की नहीं, बल्कि सावधानियां बरतने की आवश्यकता है। सावधानी बरतने से व्यक्ति स्वयं तो सुरक्षित रहेगा, साथ ही अन्य लोग भी इससे बचेंगे।
कोरोना वायरस कैसे फैलता है ?
एम्स के डा. रणदीप गुलेरिया ने कोरोना वायरस फैलने के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना एक वायरल इंफेक्शन है। यह एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलता है। यह एक ड्रॉपलेट इंफेक्शन है। किसी को अगर कोरोना इंफेक्शन हो और अगर वो खांसे, तो वायरस है वह हवा में आ जाता है। कई बार वायरस जो हवा में आता है, वह सतह जैसे टेबल, कुर्सी, से किसी के हाथ पर आ जाता है। और फिर हाथ से चेहरे पर, फिर सांस की नली में आ सकता है। उस सतह को छूने वाला व्यक्ति संक्रमित हो सकता है।
कोरोना वायरस से बचाव कैसे करें, क्या-क्या सावधानियां बरतें ?
अगर किसी को जुकाम, नजला, खांसी है तो वह अपनी खांसी को ढके या फिर अपनी बाजू में या मुंह पर रूमाल रखकर खांसे। जुकाम, नजला या खॉसी से प्रभावित व्यक्ति से एक से दो मीटर की दूरी बना कर रखना चाहिए। हमें अपने हाथ निरंतर साफ करने चाहिए। हैंड वॉश करना चाहिए। साथ ही सोशल डिस्टेंस बहुत जरूरी है, जिससे हम इस वायरस से बच सकते हैं और अपनी सेहत का ध्यान रख सकते हैं।
एल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर उपलब्ध नहीं होने पर क्या करें ?
सैनिटाइजर नहीं होने की स्थिति में साबुन से अच्छे से हाथ धोएं। साबुन से हाथ धोना सेनइटाइजर से बेहतर है। आपको यह देखना है कि आपके पास टैप (नल) का खुला पानी होना चाहिए। आपको 20 सेकेंड के लिए हाथ धोने हैं। हाथों को दोनों तरफ, साफ करना है। उंगलियों के बीच में जो जगह होती है, वहां पर कई बार वायरस फंस जाता है, उसको भी साफ करना है। चूंकि सेनीटाइजर आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है, इसलिये लोग उसे बेहतर समझते हैं। जबकि हैंड वॉश उतना ही कारगर है।
हाथ साफ करने के लिए सैनिटाइजर का इस्तेमाल कब करें?
अगर व्यक्ति सफर कर रहे हैं, तो उन्हें सैनिटाइजर का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। लेकिन अगर व्यक्ति ऐसी जगह पर हैं, जहां पानी और साबुन उपलब्ध है तो उसका ही इस्तेमाल करना चाहिए।
कौन सा सैनिटाइजर उपयोग करना बेहतर है ?
सैनेटाइजर लेने से पहले देखना चाहिए कि बॉटल पर एल्कोहल बेस्ड लिखा है या नहीं, क्योंकि एल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर वायरस को मार देता है। सरकार ने इसे एसेंशियल कॉमोडिटी डिक्लेयर किया है। इसके गलत प्रॉडक्ट नहीं बेच सकते तथा ब्लैक मार्केट भी नहीं कर सकते।
अगर किसी को खांसी बहुत है, तो क्या वो कोरोना वायरस के मरीज हो सकते हैं ?
हर एक खांसी कोरोना वायरस नहीं है। यह नया वायरस है, इसके लक्षण समझना बहुत जरूरी है। इसमें खांसी के साथ बुखार, जुकाम, गले में खराश, सूखी खांसी होती है। शरीर में दर्द भी हो सकता है। ये वायरल फीवर के भी लक्षण हैं। पिछले 14 दिन में अगर व्यक्ति विदेश से आये हैं या ऐसे शहर से आये हैं, जहां यह महामारी फैली है, या किसी ऐसे पेशेंट के संपर्क में आये हैं, जो लैबोरेटरी में कनफर्म कोरोना केस है तभी व्यक्ति जो बुखार, खांसी है वो हम समझ सकते हैं कि उसका शक हो सकता है। अगर कोई ऐसा व्यक्ति जो विदेश नहीं गया है, या किसी संक्रमित के संपर्क में नहीं आया है और खांसी हो रही है, तो यह आम खांसी है। इसमें घबराने की बात नहीं।
लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं वो क्या बचाव कर सकते हैं?
अगर जरूरी नहीं है तो यात्रा न करें। अगर मजबूरी है तो यात्रा करते समय नियमित हैंड वॉश करें। चीजें छूने से बचें। जैसे अगर बस से या रेल में जा रहे हैं तो चीजों आदि छूने से बचें। क्योंकि किसी और ने अगर उसे हाथ लगाया होगा तो संक्रमित होने का डर रहता है। अन्य व्यक्तियों से भी दूरी बना कर रखें। अगर किसी को खांसी है तो दूरी बना कर रखें।
जिन्हें खांसी-जुकाम है, केवल उन्हें मास्क का प्रयोग करना चाहिए ?
आम इंसान जो स्वास्थ्य है कोई तकलीफ नहीं है, उन्हें मास्क लगाने की जरूरत नहीं है। मास्क लगाने से कभी-कभी नुकसान भी हो जाता है। व्यक्ति के हाथ में इंफेक्शन है और वह बार-बार मास्क एडजस्ट करने के लिए अपने हाथ चेहरे पर लगाएंगे। बार-बार टच करेंगे, तो संक्रमित हो सकते हैं। अभी तक जो डाटा है उसके आधार पर खांसी-जुकाम से पीड़ित व्यक्ति को मास्क लगाना चाहिए।
योग, व्यायाम, आदि से कारोना वायरस से बचा जा सकता है ?
अभी हम नहीं कह सकते कि कोई आयुर्वेदिक दवाई है, जिससे इसकी रोकथाम की जा सकती है। ये बीमारी चीन और इटली से आयी हैं, ये एकदम नई बीमारी है। इसमें केवल हैंड हाईजीन और फेस हाईजीन का ध्यान रखना है। हाथ मुंह पर न लगाएं। बहुत जरूरी हो तो हाथ धो कर लगाएं। स्वयं को दूसरों से अलग रखें। आयुर्वेदिक दवाई खाकर आप इस गलतफहमीं में न रहें, कि मैंने आयुर्वेदिक दवा का सेवन किया है इसलिये मुझे संक्रमण नहीं होगा।
अदरक, काली मिर्च, लहसुन, गर्म पानी आदि का इस्तेमाल करने से क्या कोरोना का वायरस मर जाए ?
सोशल मीडिया में गोमूत्र पीने, अदरक, काली मिर्च, लहसुन, गर्म पानी आदि का इस्तेमाल करने से कोरोना का वायरस मरने संबंधी जानकारियां फैलाई जा रही है, जो कि
महज भ्रांतियां हैं। इन सबसे न तो कोरोना वायरस का संक्रमण रुकेगा और न ही यह ठीक करने की दवा है। अदरक, लहसुन, काली मिर्च से गले में वायरस मर जाएगा, इसका अभी तक कोई प्रमाण नहीं है।
क्या चिकन, मीट, अंडा खाने से कोरोना वायरस का संक्रमण होता है ?
नोवेल कोरोना वायरस ह्यूमन टू ह्यूमन ट्रांसमिट होने वाला वायरस है। अभी तक ऐसा कोई प्रमाण नहीं है, जिसमें कहा जाए कि यह नॉनवेज खाने से फैल रहा है।
वायरस से बचाव और जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के निर्देशानुसार नोवल कोरोना वायरस कंट्रोल रूम की स्थापना शासकीय कमला नेहरू अस्पताल हमीदिया अस्पताल के पास की है। नोवल कोरोना वायरस कंट्रोल रूम का फोन नंबर 104 है इस टोल फ्री नम्बर पर प्रतिदिन सुबह 8 बजे से रात 8 बजे के बीच काल करके नोवल कोरोना वायरस संबंधी किसी प्रकार की शंका के समाधान या जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
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