पुलिस को मृतक की जेब से मिला डेढ़ पन्नों का सुसाइड नोट
मंडीदीप - औद्योगिक शहर की इंसुलेटर फैक्ट्री जो कि दुर्घटनाओं में मजदूरों की मौत के लिए जानी जाती है। बुधवार को इसी की पुनरावृति हुई। जिसमें ऑन ड्यूटी रामस्वरूप यादव नाम के एक मजदूर ने संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी लगा ली। मजदूर के फांसी लगाने के पीछे का कारण कंपनी के अधिकारियों और साथियों द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाना बताया जा रहा है। इस संबंध में पुलिस को मृतक की जेब से डेढ़ पेज का सुसाइड नोट भी मिला है । वहीं मृतक के परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया है। जबकि कंपनी प्रबंधन मामले को डायवर्ट करते हुए मृतक द्वारा कर्ज लेने की बात कहीं जा रही है। इधर पुलिस ने मर्ग पंजीबद्ध कर विवेचना में ले लिया है। मंडीदीप थाने से मिली जानकारी के अनुसार मृतक रामस्वरूप यादव पटेल नगर में रहता था और इंसुलेटर कंपनी में मजदूरी करता था। वह मंगलवार को रात की पाली में ड्यूटी गया था। ड्यूटी के दौरान ही रामस्वरूप ने क्रेन के हुक से फांसी के फंदे पर झूल कर आत्महत्या कर ली। जिसकी सूचना कंपनी प्रबंधन ने बुधवार सुबह करीब 8:00 बजे मंडीदीप थाना पुलिस को दी। बताया जा रहा है कि घटना रात 2:00 से सुबह 6:00 के बीच की है। मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक के शव का पंचनामा बनाकर उसकी तलाशी ली तो पुलिस को डेढ़ पेज का सुसाइड नोट बरामद हुआ। पुलिस ने शहर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शव का पीएम करा कर डेड बॉडी परिजनों को सौंप दी। एसआई रामानंद यादव ने बताया कि मृतक के पास से जो सुसाइड नोट मिला है उसमें लखन अहिरवार, विनोद अहिरवार एवं विकास जैन के नाम लिखे गए हैं। फिलहाल हमने मर्ग कायम कर विवेचना में ले लिया है। जांच के उपरांत ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप -
मृतक के बड़े बेटे सोनू यादव ने बताया कि मेरे पिता रात की शिफ्ट में काम पर गए हुए थे। सुबह हमें सूचना प्राप्त हुई कि उन्होंने ड्यूटी के दौरान फांसी लगा ली है। मेरे पिता विगत 1 वर्ष से गुमसुम व परेशान रहते थे। कारण पूछने पर उन्होंने हमें कभी खुलकर नहीं बताया कि परेशानी का कारण क्या है। हां कभी-कभी वह बातों बातों में सुसाइड नोट में उल्लेखित नामों का जिक्र जरूर किया करते थे। हमने कई बार उनसे नौकरी छोड़ने की बात कही लेकिन वे नहीं माने। सोनू ने कहा कि उसके पिता आत्महत्या नहीं कर सकते। उनकी साजिश के तहत हत्या की गई है।
कंपनी की सुरक्षा पर उठे सवाल -
इंसुलेटर कंपनी 24 घंटे 4 सिफ्टों में संचालित होती है। प्रत्येक डिपार्टमेंट में प्रबंधन के अनेक जवाबदार लोग तथा कर्मचारी मौजूद रहते हैं। सुरक्षा के तौर पर सिक्योरिटी गार्ड निगरानी करते हैं। इन सभी लोगों की उपस्थिति में कोई कैसे आत्महत्या कर सकता है। पूर्व में घटित घटनाओं को लेकर भी कंपनी प्रबंधन पर सुरक्षा को लेकर सवालिया निशान लग चुके है।
प्रबंधन कर्ज को बता रहा जिम्मेदार -
इस संबंध में कंपनी के प्रबंधक एके सिंघल का कहना है कि मृतक मजदूर रामस्वरूप ने 2 महीने पहले ही अपने बेटे की शादी की थी। उसके लिए उसने कर्ज लिया होगा जो वह नहीं चुका पाया और इसी के चलते उसने आत्महत्या कर ली।
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