ग्राम पानतलाई के माटी के लाल वतन की सेवा कर लौटे अपने गांव भव्य स्वागत समारोह का आयोजन

 

हरदा - ग्राम पानतलाई के माटी के लाल हुकुमसिंह राजपूत पिता चंद्रसिंह राजपूत 21 वर्ष पूर्ण कार्यकाल वतन की सेवा कर लौटे अपने गांव जिला वासियो ओर गांव के ग्रामीणों द्वारा हरदा रेल्वे स्टेशन से नगर पालिका तक शोभा यात्रा निकाली नगर पालिक पहुंच कर शहीदो की प्रतिमा पर  माल्यापर्ण किया इसके साथ ही गांव के मुख्य चोक चौराहा से घर तक शोभा यात्रा निकाली जिसमें जगह जगह पुष्प हार भव्य स्वागत किया यात्रा के दौरान भारत माता के जयकारों के गूंज के साथ ढोल तासे पर ग्रामीण थिरके जिसमे पुष्प हार ओर पुष्प गुच्छ से भव्य स्वागत किया भारत माता के सपूत हुकुम राजपूत की जोइंनिग 18 नबंवर 1999 को सर्वप्रथम को मिजोरम में हुई। 30 नवबंर 2020 को सेवा निर्वत हुए घर सकुशल गांव वापस लौटने पर माता पिता की आंखों से खुशी के आँसु निकले माता पिता ने गले लगाकर बधाई दी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व विधायक आर.के दोगने उपस्थित हुए।


भर्ती - 

माँ भारती के लाल वीर सपूत हुकुम सिंह राजपूत 19 वर्ष की आयु में 18 नबंवर 1999 को मिजोरम बार्डर पर सिपाही के पद पर पोस्टिंग हुई जो की 15 वर्ष तक सिपाही के पद पर रहे। उसके बाद 6 वर्ष हवालदार के रूप में अपनी सेवा दी अरुणाचल प्रदेश जयरामपुर से पूर्णकाल 21 वर्ष होने सेवा करने के बाद सेवा निर्वत हुए

पुरुस्कार -

1 आंतरिक सुरक्षा आवर्ड

दूसरा आवर्ड 10 वर्ष लौंग सर्विस मेडल  

तीसरा आवर्ड 20 वर्ष लौंग सर्विस मेडल से सम्मानित हुए 

चुनौतिया -

हुकुम सिंह राजपूत असम रायफल फोर्स में तैनात रहे जो हमेशा चुनौतीयो भरा सफर रहा आंतरिक सुरक्षा के लिए फोर्स गठित करता है जो कि हमेशा नार्थ ईस्ट में तैनात रहता है 

वीर सपूत हुकुम सिंह राजपूत का संदेस युवाओं के नाम युवाओं को नोकरी करने के लिए फौज में नही जाना चाहिए बल्कि देश सेवा करने के लिए जाना चाहिए नोकरी करने के लिए अन्य जगह है अंत मे कहना है की एक जवान कभी भी सेवा निर्वत नही होता वह हमेशा अपने देश के लिए सेवारत रहता है।

अनिल मल्हारे की रिपोर्ट

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