होशंगाबाद के इस अनाथ लड़के ने साबित कर दिखाया

 
 
नैसर्गिक प्रतिभा स्कूल-कॉलेज की औपचारिक शिक्षा की मोहताज़ नहीं होती




होशंगाबाद - जब परिस्थितियाँ आपको सपने छोड़ने के लिए मजबूर करती हैं तब आप नए लोगों को देखकर एक नई शुरुआत करते हैं; बजाय इसके कि आपने जो खोया है उसके लिए आँसू बहाते रहें l मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले के एक लड़के ने ऐसा ही कियाl उसकी  जिंदगी ने एक के बाद एक अपूर्णीय क्षति का सामना कियाl उसके लगातार प्रयासों की वजह से सफलता की राह आसान हुई और फिर खुद से सीख कर कोड और ऐप्स विकसित किये l आज वह कुछ नहीं से 1.5 लाख रूपये की महीने की पगार के साथ बड़े मजे की जिंदगी गुजार रहे हैं l 


हेमंत मेहरा एक असाधारण व्यक्ति हैं l भोपाल से 70 किलोमीटर दूर होशंगाबाद के ग्वालटोली गांव के लोगों के बीच हेमंत का बड़ा नाम है l यह ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने सभी बाधाओं को हराकर, अपने आलोचकों का मुँह बंद करा दिया और अब वे बहुतों के लिए प्रेरक व्यक्तित्व बन गए है l उनके संघर्षों की कहानी तब शुरू होती है जब पन्द्रह वर्ष की उम्र में उनके पिता की मृत्यु अचानक ही हो गई l यह उनके लिए एक बहुत बड़ा सदमा था और उनकी आगे की पढ़ाई का खर्च उठाना मुश्किल हो गया l 


अठारह साल के होने तक, अगले तीन सालों में हेमंत ने बहुत सारे छोटे-छोटे काम किये क्योंकि अठारह साल के होने पर उन्हें अपने पिता की गवर्नमेंट नौकरी मिलने वाली थी l उनके पिता एक अकाउंटेंट थे l बहुत लंबे इंतजार के बाद 2009 में जब वह ऑफिस तक पहुँच पाए और उन्हें पता चला कि वहाँ उनके लिए कोई नौकरी नहीं है l तब वे दूसरी  जगह नौकरी की तलाश करने में लग गए l इसी दौरान उन्होंने न्यूज़पेपर में एक आर्टिकल देखा जिसमें  एक ऐप डेवलपर ने यह बताया था कि  कैसे करियर में  वेब डेवलपर और ऐप-डेवलपमेंट बड़े फायदेमंद हैं l 


इस आर्टिकल से हेमंत को एक नई राह मिली l उसे याद आया कि वह स्कूल के दिनों में कंप्यूटर क्लासेज के दौरान अपने सीनियर बच्चों से ज्यादा अच्छे से सीखता था l हेमंत फिर अपना ज्यादा समय साइबर कैफ़े में इस फील्ड की जानकारी लेने में लगाने लगा था l बिना कोचिंग क्लासेज के हेमंत अकेले ही इन्टरनेट और पुस्तकों की मदद से अपनी ज्ञान की प्यास बुझाता था l 


कंप्यूटर के प्रति उनके जूनून को देखते हुए उनकी नानी ने उन्हें एक लैपटॉप और इन्टरनेट कनेक्शन तोहफे में दिया l लोग उनका मज़ाक बनाते कि कोडिंग केवल इंजीनियर और कंप्यूटर के एक्सपर्ट ही कर सकते हैं और हेमंत अपना समय बर्बाद कर रहे हैं l हेमंत कहते हैं कि “मेरी नानी उन सबको नजरअंदाज कर देतीं और इन्टरनेट का बिल जो लगभग महीने का 5000-6000 आता था उसे भर देतीं थी l उनका मेरे ऊपर जो अटूट विश्वास था उसके लिए अगर मैं जिंदगी भर उनका धन्यवाद करूँ , तब भी कम है l”


लोग कहते कि वह अपनी नानी की कड़ी मेहनत का पैसा बर्बाद कर रहा है पर हेमंत इन सब से बिलकुल प्रभावित नहीं होते थे l नवंबर 2012 में अपना पहला ऐप प्लेस्टोर में लांच किया वह एक चैट ऐप था जिसका नाम मैप्पी था l यह उनके लिए बड़ी उपलब्धता थी और उसके बाद उन्होंने 15 ऐप और बनाये जो एक से बढ़कर एक थे l 


केनफ़ोलिओस को बताते हुए हेमंत कहते हैं कि “लोग कहते कि मैं पागल हो गया हूँ परंतु जब उन्होंने देखा कि मेरे द्वारा बनाया गया ऐप पूरे विश्व के लोग डाउनलोड कर रहे हैं तब वे सारे मेरी प्रशंसा करने लगे l”


हेमंत ने ऑफलाइन मेसेजिंग, शॉपिंग और गेम्स आदि ऐपडेवेलप किये l इनके इस ऐप को यू एस, साउथ अफ्रीका, फ्रांस, भारत और इजराइल के लोग डाउनलोड करते हैं l अब हेमंत महीने के 1.5 लाख रूपये कमाते हैं l इससे भी वह संतुष्ट नहीं वे अभी अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों के साथ मिलकर अपने शॉपिंग ऐप पर काम करना चाहते हैं l 


हेमंत उस जगह से आये हैं जहाँ इस तरह के ऊँची तकनीकी जानकारी की पैठ बिलकुल भी नहीं हुई थी l उन्होंने बिना किसी औपचारिक शिक्षा के ही इस विशेषज्ञता वाली राह पर महारत हासिल कर ली और सफलता पूर्वक अपनी कंपनी, जिसका नाम एसएसवाय टेक्नोलॉजी है, को अनसोची बुलन्दियों तक लेकर आये हैं l उन्होंने एक बार फिर  दिखा दिया है कि कठिन परिश्रम और दृढ़ इच्छाशक्ति से सफलता की हर राह आसान हो जाती है l 


Source - Kenfolios


 


 


 


 


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