स्वास्थ्य विभाग द्वारा नोवेल कोरोना वायरस की रोकथाम एवं नियंत्रण के संबंध में निर्देश



मण्डीदीप / रायसेन - स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना वायरस की रोकथाम एवं नियत्रंण के संबंध में प्रदेश के सभी शासकीय मेडिकल कॉलेजों के डीन, सभी सीएमएचओ तथा सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक मध्यप्रदेश को निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने अपने निर्देश में कहा है कि चीन के हुबई राज्य के बुहान शहर में एक नए प्रकार का कोरोना वायरस से निमोनिया के प्रकरण पाए गए हैं। कोरोना वायरस फैमिली के वायरस से सामान्य सर्दी-खांसी, जैसी गंभीर बीमारियों होती है। इसमें मनुष्य से मनुष्य में संक्रमण फैलने की संभावना होती है।




स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी संबंधित अधिकारियों को चिकित्सकों तथा स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना वायरस के प्रति जागरूक करने तथा तीव्र श्वसन संक्रमण, इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी के मरीजों पर नजर रखने एवं एक ही स्थान से आने वाले तीव्र श्वसन संक्रमण, इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी के मरीजों की जानकारी रखने के संबंध में निर्देश दिए गए हैं। चीन के अलावा थाईलेंड, साउथ कोरिया, जापान व संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में भी चीन से आए यात्रियों में इस वायरस की पुष्टि हुई है।

कोरोनो वायरस के लक्षण तथा केस डेफिनेशन - कोरोना वायरस के लक्षणों में तेज बुखार, खांसी, गले में खरास तथा सांस फूलना शामिल है। लक्षण प्रकट होने के पहले 14 दिन के भीतर चीन के हुबई राज्य के वुहान शहर की यात्रा की हो या कोई स्वास्थ्य कर्मी जो गंभीर श्वसन संक्रमण के मरीज के सम्पर्क में आया हो चाहे उसकी ट्रेवल हिस्ट्री न हो तथा मरीज जिसमें असामान्य एवं असंभावित लक्षण प्रकट हो रहे हो व सभी संभव इलाज के पश्चात्य भी हालत में सुधार न हो रहा हो और कारण स्पष्ट न हो पा रहा हो।
इसके अतिरिक्त वह व्यक्ति जिसमें गंभीर श्वसन सक्रमण तथा लक्षण प्रकट होने में 14 दिन के भीतर वह किसी दब्वअ (कोरोना वायरस) में कन्फर्म केस के सम्पर्क में आया हो, किसी दब्वअ के प्रकरण को रिपोर्ट करने वाले अस्पताल गया हो या किसी दब्वअ रिपोर्ट करने वाले देश से आए हुए जानवर के सीधे सम्पर्क में आया हो। कोरोना वायरस की जांच थ्रोट स्वाब के लिए एनआईवी पूणे में व्यवस्था की गई है।

कोरोना वायरस नियंत्रण व रोकने के उपाय - स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना वायरस नियंत्रण व रोकने के उपाए बताए गए हैं। इसमें जल्दी रोग की पहचान व संक्रमण के स्त्रोत का नियंत्रण के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को रोग की जानकारी रखने के लिए कहा गया है ताकि संभावित मरीज की जल्दी पहचान हो सके। इसी प्रकार जांच के लिए प्रश्नावली तैयार करने, रोग के लक्षणों व रोकने के उपायों का प्रचार-प्रसार करने, खांसते तथा छींकते समय मुंह या रूमाल कपड़ा आदि लगाने एवं कोहनी से नाक मुंह को ढंकना जरूरी है। इसी प्रकार संभावित कोरोना वायरस मरीज को अन्य मरीजों से अलग ऑइसोलेश्न वार्ड में रखने, संभावित कोरोना वायरस के मरीज को मास्क पहनने की सलाह देने तथा मरीज के सम्पर्क में आने से पहले व बाद में हाथ धोना जरूरी है।  

संभावित कोरोना वायरस के मरीज द्वारा बरती जाने वाली सावधानियां - स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्देश दिए गए हैं कोरोना वायरस से बचाव के लिए सामान्य सावधानियों के साथ-साथ संभावित मरीज में परिवार के सदस्यों, मिलने-जुलने वाले लोगों तथा देखभाल करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों का मास्क पहनना व बार-बार हाथ धोना जरूरी है। मरीज को अलग एक स्वच्छ हवादार आईसोलेट कमरे में रखने और यदि संभव न हो तो सभी संभावित एक ही प्रकार के लक्षणों वाले मरीजों को एक ही कमरे में रखना चाहिए। दो मरीजों में पलंग के बीच की दूरी का अंतर कम से कम एक मीटर होना चाहिए तथा जहां तक संभव हो स्वास्थ्य कर्मियों का एक पृथक से समूह बनाकर उन्हीं से संभावित मरीजों की देखभाल कराएं। एक बार उपयोग में लाए जाने वाले डिस्पोजिबल उपकरणों का प्रयोग करें। कोरोना वायरस के संबंध में अधिक जानकारी के लिए वेबसाईट www.who.int का उपयोग कर सकते हैं।


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