रायसेन - अगर इंसान में कुछ कर गुजरने की हिम्मत और साहस हो तो कोई भी बाधा उसे आगे बढ़ने से रोक नहीं पाती। कुछ ऐसा ही उदाहरण पेश कर रहे हैं जिले के ग्राम सुगापुर में रहने वाले नरेन्द्र कुमार गौर। पोलियो के कारण नरेन्द्र के दोनों पैर खराब हो गए, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। नरेन्द्र ने बताया कि वह इंदौर के औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर में फ्लेक्सीटफ इंटरनेशनल लिमिटेड कम्पनी में नौकरी करते थे। उन्होंने नौकरी करने की बजाए स्वयं का रोजगार शुरू करना बेहतर समझा और वह गॉव लौटकर आ गए। यहां उन्होंने स्वयं की किराना दुकान खोल ली है।
नरेन्द्र जब छोटे थे तब पोलियो के कारण उनके दोनों पैर बेजान हो गए थे। इसके बाद भी नरेन्द्र ने कभी हिम्मत नहीं हारी। नरेन्द्र खुद का रोजगार स्थापित कर न केवल स्वयं का भरण-पोषण कर रहे हैं बल्कि परिवार को चलाने में माता-पिता का आर्थिक सहयोग भी कर रहे हैं। सामाजिक न्याय विभाग द्वारा संचालित दिव्यांग पुर्नवास केन्द्र के माध्यम से नरेन्द्र की पीथमपुर में फ्लेक्सीटफ इंटरनेशनल लिमिटेड कम्पनी में नौकरी लग गई। नरेन्द्र ने कुछ महीनों तक वहॉ नौकरी की, लेकिन घर से दूर रहने और परिवार की चिंता के कारण वह नौकरी छोड़ वापस गॉव आ गए। नरेन्द्र ने गॉव में ही किराना दुकान खोल ली है, जिससे उसे महीने की लगभग 06 हजार रूपए की आमदानी हो जाती है। नरेन्द्र अब स्वरोजगार योजना के तहत बैंक से ऋण लेकर अपनी दुकान का विस्तार करने का मन बना रहे हैं। प्रदेश सरकार की सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत नरेन्द्र को प्रतिमाह 600 रूपए पेंशन भी मिलती है।
إرسال تعليق