बच्चों को दें धार्मिक संस्कारः मुनि संस्कार सागर




मण्डीदीप। 
पहले बच्चों में उनके माता-पिता उन्हें धार्मिक संस्कार देते थे, वे अपने खाली समय का सदुपयोग करते थे। अपने माता-पिता के साथ मंदिर जाना, धार्मिक कहानियां सुनते, किंतु आज के बच्चों का खाली समय मात्र गेम खेलने से ही व्यतीत होता है। बच्चे धर्म से बहुत दूर होते जा रहे हैं। इस लिए बच्चों को धर्म के संस्कार दें। बच्चों को समझाएं कि हम खुद अपने कर्मों को करते हैं और खुद ही अपने किए हुए कर्मों का फल भोगते हैं। उपरोक्त बात गणाचार्य श्री विराग सागर महाराज के परम प्रभावक षिष्य मुनिश्री संस्कार सागर महाराज ने वार्ड 23 स्थित श्री अदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में आयोजित धर्मसभा में कही। उन्होने कहा कि उन्होंने कहा कि आजकल भगवान के प्रति श्रद्धा कम होने का कारण अपना मान है। आज युवा मंदिर में जाने से भी बचता है। मुनिश्री ने बताया कि मंदिरों में लोग मात्र इसलिए आते हैं क्योंकि उन्होंने जैन कुल में जन्म लिया, न किसी के अंदर भगवान के प्रति कोई स्नेह हैं ना कोई अनुराग। भगवान के गुणों के स्मरण करने से हमारी भक्ति श्रद्धा बढ़ती है। उनके गुणों का स्मरण करने से हमारी मान कषाय कम होती है। बच्चों को सही ज्ञान न प्राप्त होने की स्थिति में ये सब अज्ञान बढ़ता जाता है। साथ ही उन्होने कहा कि भारतीय संस्कृति ऐसी संस्कृति है, जो आचरणयुक्त विचारों पर चलती है। हमारे देश की संस्कृति व संस्कारों से बच्चों को संस्कारित करना अत्यंत आवश्यक है। मुनि सेवा समिति के विनेाद जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि आहार चर्या के पाष्चत मुनि श्री  ने औबेदुल्लागंज की ओर विहार किया। 

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